Wednesday 1 February 2012

MERE BACCHON KA GHAR

मेरे बच्चों ने अपने नन्हे नन्हे हाथों से एक छोटा सा घर बनाया है,

और वो अपने सपनों की तरह, सेकड़ों रंगों से सजाया है,


उसमे एक छोटा सा गुडिया का घर भी बनाया है,

िजसे उन्होंने बड़े सलीके से गुड्डे गुड़ियों से सजाया है,

िजसमे वो गुड्डे गुड़ियों की शादी रचायेंग,

और अपने सभी दोस्तों को बुलाएँगे,




उसमे पापा मम्मी का कमरा भी बनाया हैिजसमे एक छोटा से पलंग,

िसरहाने िकताब,और छोटा सा लंप भी लगाया है,



उसमे दादा दादी का कमरा भी बनाया है,

और उसमे उनकी यादों से जुडी हर चीज़ को बड़े सलीके से सजाया है,



उसमे एक कमरा और था, पूछातो बताया ये पप्पू का कमरा है,

जो घर के बाहर पटरी पे सोता है,

ज्यादा धुप और ज्यादा सर्दी मैं,वो वहीँ बैठ के रोता है,

वो हमारा दोस्त है, यही रह लेगा,हमारे साथ पढ़ेगा और खेलेगा,



उसमे एक छोटा सा दडबा भी बनाया है,

'मोती का घर' उस पे िल्ख्वाया है,मोती हमारा कुत्ता है,



मेरे बच्चों ने अपने नन्हे नन्हे हाथों से एक छोटा सा घर बनाया है,

और वो अपने सपनों की तरह, सेकड़ों रंगों से सजाया है,





********राघव


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