तुम आ गई हो तो
हर साख गुलज़ार दिखती है,
जमी तो जमी,
आसमां पर पर भी बहार दिखती है,
सारी कायनात
तेरे दीदार कि प्यासी है,
तेरे आने से
वीरानो में भी बहार आती है,
******राघव विवेक पंडित
हर साख गुलज़ार दिखती है,
जमी तो जमी,
आसमां पर पर भी बहार दिखती है,
सारी कायनात
तेरे दीदार कि प्यासी है,
तेरे आने से
वीरानो में भी बहार आती है,
******राघव विवेक पंडित
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