अश्कों की कहानी इतनी पुरानी है
जितनी आसमा में चांदनी
और समंदर में पानी है,
बेजुबान अश्क ही है
जो हमेशा साथ रहते है
यही तो तेरी आँखों में
ख़ुशी और गम
की निशानी है,
जब जुबान साथ नहीं देती
अश्क सब कुछ कह जाते है,
जब तू घुट घुट के रोता है
तब भी
ये तेरा साथ दिए जाते है,
अल्फ़ाज कम पड़ जाये
ज़माना साथ न दे
आँखें डर से बंद हो जाये
ये न डरते है न घबराते है
हमेशा ये बहते है
तेरा दर्द
दुनिया को बयाँ करते है,
*******राघव विवेक पंडित**
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