वो कौन है
जिसके लिए कुछ बोले
तो कुछ मौन है,
वो बोले तो बवाल मच जाता है,
क्योकि कोई सही बात
हजम नहीं कर पता है,
वो मजलूमों के लिए जीती है
वो सीधी बात कहती है,
उसे मौत का नहीं डर
क्योकि उसमे है एक
निश्छल, निष्पक्ष, साहसी,
मानवता के लिए कुछ करने वाली
आत्मा का घर,
जाने कितने जुल्मों को सहती है,
मौलवियों के फतवों में रहती है
पर उसे नहीं किसी का डर
क्योकि उसके साथ है इश्वर,
इंसानियत उसका धर्म
समाज की भलाई उसका कर्म
वो अकेली
लेकिन डर विहीन है,
और कोई नहीं
वो अपनी तसलीमा नसरीन है,
******राघव विवेक पंडित
जिसके लिए कुछ बोले
तो कुछ मौन है,
वो बोले तो बवाल मच जाता है,
क्योकि कोई सही बात
हजम नहीं कर पता है,
वो मजलूमों के लिए जीती है
वो सीधी बात कहती है,
उसे मौत का नहीं डर
क्योकि उसमे है एक
निश्छल, निष्पक्ष, साहसी,
मानवता के लिए कुछ करने वाली
आत्मा का घर,
जाने कितने जुल्मों को सहती है,
मौलवियों के फतवों में रहती है
पर उसे नहीं किसी का डर
क्योकि उसके साथ है इश्वर,
इंसानियत उसका धर्म
समाज की भलाई उसका कर्म
वो अकेली
लेकिन डर विहीन है,
और कोई नहीं
वो अपनी तसलीमा नसरीन है,
******राघव विवेक पंडित
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