Wednesday 1 February 2012

संघर्ष

हमने रेगिस्तान में परिंदों को

प्यास बुझाते देखा है


हमने आँधियों से पेड़ों को

अपने वजूद के लड़ते देखा है,


हमने टूटे हुए

दिलों को मुश्कुराते देखा है,



हमने इंसानों को अकाल में भी

जीवन के लिए संघर्ष करते देखा है,



हमने अनाथ बच्चों को रोटी के लिए

कड़ी धुप में मेहनत करते देखा है,



हमने एक मजबूर औरत को

अपने बच्चों का पेट भरने के लिए

दूसरों के घरों में काम करते भी देखा है,



संघर्ष ही जीवन है संघर्ष समाप्त जीवन लीला समाप्त,

जो जीवन संघर्ष करने के लिए सदेव तत्पर रहता है,

वो कभी नहीं हारता है,

संसार के हर प्राणी को जीने के

लिए किसी न किसी रूप में संघर्ष करना ही पड़ता है,



*********राघव पंडित***

No comments:

Post a Comment