आंसूओं को पलकों पर आने से रोक ले,
न जाने कोई इन्हें देख क्या सोच ले,
ये अपने साथ सेकड़ों सवाल ले आयंगे,
तू चाहकर भी
किसी सवाल का जवाब न दे पायेगा,
क्या है इसका कारण ये कैसे बताएगा,
कैसे बताएगा की
मैं अपने माँ बाप के साथ न्याय न कर सका,
ये उसके पश्चाताप के है,
कैसे बताएगा की
मैं अपने बच्चों को समय पर शिक्षा और
खाने को रोटी न दे सका,
ये उसके पश्चाताप के है,
कैसे बताएगा की
मैंने अपनी पत्नी को अकेला छोड़ दिया था,
जब उसे मेरी बहुत जरूरत थी,
ये उसके पश्चाताप के है,
कैसे बताएगा की
जब मेरी मार्त्भूमि, मेरे
भाई बंधुओं पर अत्याचार हो रहे थे,
उस समय मैं कायरों की भाँती
अपनी जान बचाकर भाग गया था,
ये उसके पश्चाताप के है,
कैसे बताएगा की सत्ताधारी राजनेता,
जब देश की जनता को दोनों हाथों से
लुट लुटकर अपना घर भर रहे थे
तब मैं उनके भाषण पर ताली बजा रहा था,
ये उसके पश्चाताप के है,
कर ले तू आज निश्चय
कि तू कुछ ऐसा कर जायेगा
तेरे बहते
आसुओं का कारण जमाना बताएगा,
तेरे बहते
आसुओं का कारण बताते तुझे शर्म न आएगी,
तेरी माँ भी भगत सिंह और चंदर शेखर आज़ाद की
माँ की तरह,
शहीद की माँ कहलाएगी,
**********राघव पंडित***
न जाने कोई इन्हें देख क्या सोच ले,
ये अपने साथ सेकड़ों सवाल ले आयंगे,
तू चाहकर भी
किसी सवाल का जवाब न दे पायेगा,
क्या है इसका कारण ये कैसे बताएगा,
कैसे बताएगा की
मैं अपने माँ बाप के साथ न्याय न कर सका,
ये उसके पश्चाताप के है,
कैसे बताएगा की
मैं अपने बच्चों को समय पर शिक्षा और
खाने को रोटी न दे सका,
ये उसके पश्चाताप के है,
कैसे बताएगा की
मैंने अपनी पत्नी को अकेला छोड़ दिया था,
जब उसे मेरी बहुत जरूरत थी,
ये उसके पश्चाताप के है,
कैसे बताएगा की
जब मेरी मार्त्भूमि, मेरे
भाई बंधुओं पर अत्याचार हो रहे थे,
उस समय मैं कायरों की भाँती
अपनी जान बचाकर भाग गया था,
ये उसके पश्चाताप के है,
कैसे बताएगा की सत्ताधारी राजनेता,
जब देश की जनता को दोनों हाथों से
लुट लुटकर अपना घर भर रहे थे
तब मैं उनके भाषण पर ताली बजा रहा था,
ये उसके पश्चाताप के है,
कर ले तू आज निश्चय
कि तू कुछ ऐसा कर जायेगा
तेरे बहते
आसुओं का कारण जमाना बताएगा,
तेरे बहते
आसुओं का कारण बताते तुझे शर्म न आएगी,
तेरी माँ भी भगत सिंह और चंदर शेखर आज़ाद की
माँ की तरह,
शहीद की माँ कहलाएगी,
**********राघव पंडित***
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