अब तो
या रहे तन्हा
हम न होंगे पत्थर
न पत्थर दिल बनेगे यारों,
यूँ ही मोम सा दिल लिए
हम पथरों से लड़ेंगे यारों,
दुनिया में जीने को चाहिए
दिल पत्थर का,
वो लायें कहाँ से यारों,
या रहे तन्हा
या पथरों से दिल लगाए यारों,
हम न होंगे पत्थर
न पत्थर दिल बनेगे यारों,
यूँ ही मोम सा दिल लिए
हम पथरों से लड़ेंगे यारों,
होंगे जो पत्थर दिल
वही चौराहों पे बिकेंगे यारों,
सदा रहे दिलवाले
सबके दिल में,
मर के भी
दिलों में ही रहेंगे यारों,
लाख जुल्म करे जमाना
हम न बदलेंगे यारों,
हम है इन्सां
इन्सां ही रहेंगे यारों,
*******राघव विवेक पंडित
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