घर के कुछ ह्रदय विहीन
पुरुषों और स्त्रियों ने
मजबूर कर दिया
एक माँ को
उसके पेट में पल रहे
उसके पूर्ण विकसित
अबोध शिशु की
हत्या को
उसकी साँसे छिनने को
सिर्फ इसलिए
कि उसका लिंग
लड़की था
लड़का नहीं
माँ सिसकती रही
तडपती रही
न आई उस पर किसी को दया,
माँ ने फिर गुहार लगाईं
एक बार मुझे
उसके मृत शरीर को ही दिखा दो
देखते ही माँ के
ह्रदय पे छप गई
उसकी फूल सी कोमल
परियों से सुंदर
राजकुमारी के
मुख की सुंदरतम तस्वीर
हाथ पाँव की छाप,
माँ न भूल पाई ताउम्र
अपनी मासूम बच्ची का मुख
बातों ही बातों में
जिक्र कर देती थी
उसके नयन नक्श का,
जब भी किसी
सुंदर बच्ची को देखती
तो सोचती थी
ऐसी ही होती
अगर उसे न मारा होता,
*******राघव विवेक पंडित
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