छोटी सी नन्ही परी
छोटे छोटे सपने
हाथों में गुडिया
ख्यालों में अपने
निश्चल, निष्कपट
मासूम सी करती है
मीठी मीठी बातें,
सबकी प्यारी
सबसे न्यारी
इस घर की
वो राजकुमारी,
दादा दादी. नाना नानी
इनके दिल की
वो है महारानी,
सबके मन को भावें वो
सबको प्यार से बांधे वो,
पापा जब
दफ्तर से आते
खाना उन्हें खिलाती वो,
पहले पूछती
गुस्सा तो नहीं करोगे
फिर दिन में की सभी
शरारतें
पापा को बतलाती वो,
मम्मी की मदद की कोशिश में
सारे काम बिगाड़े वो
जब मम्मी डाटन को आये
पापा को शिकायत लगाए वो,
सबकी आँखों सकूँ वो
उसके नन्हे क़दमों से
रोशन रहता
मेरा घर मेरा संसार,
*******राघव विवेक पंडित
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