Thursday 3 May 2012

मेरा हर लफ्ज दर्द में डूब जाएगा
राहत ऐ गम तेरा जो साथ छुट जाएगा,

मेरा हर अश्क आँखों से गिरने को तडपेगा
दिल तरसेगा रोने को, पर रोया भी न जाएगा,

तुम करोगी अपना आबाद नया गुलिस्तान
और मेरा जर्द गुलिस्तान भी न रह जाएगा,

तुम न करोगी याद कभी भूलकर भी
मेरा दिल तुम्हे चाहकर भी न भूल पायेगा,


*******राघव विवेक पंडित

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