फूलों में तुम बहारों में तुम,
फलक पे चमकते सितारों में तुम
सांसो में तुम, धडकनों में तुम,
निगाहों में तुम, नजारों में तुम,
ख्वाब भी तुम, हकीकत भी तुम,
वादों में तुम, इरादों में तुम,
दर्द भी तुम, मरहम भी तुम,
जिन्दगी भी तुम, जन्नत भी तुम,
*******राघव विवेक पंडित
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