कब तक यु ही बेकरार दिल संभालूं
कोई हमनशी मिले तो दिल लगा लूं
जो कोई दे दे तडपते दिल को राहत
उसे यूँ तड़पने का सबब बता दूँ,
जो कोई दे मुहब्बत, मुझ दीवाने को
उसी पे दिल की दौलत मैं लुटा दूँ,
जो कोई दे दे अपना हाथ मेरे हाथों में
उसी को मैं अपना हमसफ़र बना लूँ ,
*******राघव विवेक पंडित
कोई हमनशी मिले तो दिल लगा लूं
जो कोई दे दे तडपते दिल को राहत
उसे यूँ तड़पने का सबब बता दूँ,
जो कोई दे मुहब्बत, मुझ दीवाने को
उसी पे दिल की दौलत मैं लुटा दूँ,
जो कोई दे दे अपना हाथ मेरे हाथों में
उसी को मैं अपना हमसफ़र बना लूँ ,
*******राघव विवेक पंडित
No comments:
Post a Comment