तेरी एक झलक बना देती
दीवाना है,
तुनने जहाँ जहाँ कदम रखा
आज वहां मयखाना है,
तेरी जुल्फें जो काँधे पर बिखर जायेंगी
हर तरफ
मस्ती सी छा जायेगी,
तेरी आँखें है या मयखाना है,
जिसे तुमने देखा
वो आज भी दीवाना है,
तेरे होठ जो लफ्जों को छू लेंगे,
सुनने वाले
बिना पिए ही झूमेंगे,
तुम में जो नशा है
वो मयखाने में कहाँ,
तुम्हारी एक झलक मिले,
तो झूमता है जहान,
**********राघव **
दीवाना है,
तुनने जहाँ जहाँ कदम रखा
आज वहां मयखाना है,
तेरी जुल्फें जो काँधे पर बिखर जायेंगी
हर तरफ
मस्ती सी छा जायेगी,
तेरी आँखें है या मयखाना है,
जिसे तुमने देखा
वो आज भी दीवाना है,
तेरे होठ जो लफ्जों को छू लेंगे,
सुनने वाले
बिना पिए ही झूमेंगे,
तुम में जो नशा है
वो मयखाने में कहाँ,
तुम्हारी एक झलक मिले,
तो झूमता है जहान,
**********राघव **
बहुत बढ़िया सर!
ReplyDeleteअच्छा लगा आपका ब्लॉग।
सादर